2030 तक 1000 महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने का लक्ष्य
- STORYDESK
- May 18
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हरदा। ग्राम पुकार फाउंडेशन एवं उद्यम अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 4 मई को हरदा स्थित होटल रुद्राक्ष में “कौशल प्रशिक्षण एवं ग्रामीण महिला उद्यमिता वर्कशॉप” का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम “कोशल – उद्यमिता, अपना बिज़नस अपनी पहचान” – 90-दिनीय ग्रामीण उद्यमिता विकास प्रमाणपत्र कार्यक्रम का पहला सत्र था, जिसमें जिले की 25 महिला प्रतिभागियों ने सक्रिय सहभागिता की। इस प्रशिक्षण सत्र में केवीके, एनआरएलम और उद्यानिकी विभाग के अधकारी भी उपस्थित थे और उन्होंने शासन की योजनाओं के अंतर्गत उद्यमियों को सहयोग देने की भी बात कही।
कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उनके पारंपरिक एवं आधुनिक कौशल को व्यवसाय में परिवर्तित करना, तथा उन्हें बाज़ार से जोड़कर स्थायी रोजगार सृजन में सक्षम बनाना था। यह प्रशिक्षण ‘Learn by Doing’ (सीखो और करो) पद्धति पर आधारित है, जिसमें कुल 3 ऑफलाइन व 10 ऑनलाइन सत्र आयोजित किए जाएंगे।
ग्राम पुकार का संकल्प — गांव से उद्यम तक
"जब गांव की महिला सशक्त होती है, तो वह केवल परिवार नहीं, एक पूरी पीढ़ी को बदलती है।"- प्रोफ.डॉक्. रामकृष्ण सामेरियाइस वर्कशॉप के आयोजक एवं ग्राम पुकार फाउंडेशन के संस्थापक और उद्यम अकादमी के सीईओ प्रोफडॉक् रामकृष्ण सामेरिया ने कार्यक्रम की अवधारणा प्रस्तुत करते हुए बताया कि —“यह कार्यक्रम केवल प्रशिक्षण नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को व्यवसायिक सोच, बाज़ार से जुड़ाव और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने की एक सशक्त यात्रा है। हम महिला उद्यमियों को न केवल प्रशिक्षित करेंगे, बल्कि उनके उत्पादों को बाजार से जोड़ने पर भी कार्य करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि महिला की आर्थिक स्वतंत्रता केवल उसका भविष्य नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को सशक्त और संतुलित बनाती है। ग्राम पुकार और उद्यम अकादमी का लक्ष्य इस वर्ष हरदा में 100 महिला उद्यमी तैयार करना है और 2030 तक 1000 महिला उद्यमियों को उनका उद्यम आगे बढ़ाने में मदद करना है।
प्रेरणा, अनुभव और तकनीक का त्रिकोणइस सत्र की मुख्य आकर्षण रहीं ज्योति रात्रे, जिन्होंने सबसे अधिक उम्र में हिमालय पर तिरंगा फहराकर देशभर में नाम कमाया। उन्होंने अपनी संघर्ष यात्रा साझा करते हुए कहा,“सपनों की कोई उम्र नहीं होती, अगर आत्मविश्वास हो तो हर महिला किसी भी ऊँचाई को छू सकती है।”
इसके अलावा, प्रसिद्ध सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रश्मि गोल्या ने प्रतिभागियों को सोशल मीडिया मार्केटिंग के व्यावहारिक तरीके सिखाए — कैसे Instagram, WhatsApp और Facebook का व्यवसायिक रूप से प्रभावी उपयोग किया जा सकता है।
कार्यक्रम में प्रोत्साहन एजुकेशन सोसाइटी के निदेशक राजेश विश्नोई ने शिक्षा की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा,“शिक्षा न केवल रोजगार, बल्कि उद्यमिता की सोच को भी जन्म देती है।”
अगला कदम:अब इस कार्यक्रम की अगली कड़ियाँ ऑनलाइन सत्रों के रूप में होंगी, जिसमें प्रतिभागी व्यवसाय योजना, मूल्य निर्धारण, ब्रांडिंग, डिजिटल बिक्री और ग्राहक प्रबंधन जैसे विषयों पर गहन प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम के अंतिम चरण में प्रतिभागियों द्वारा पायलट बिजनेस मॉडल लॉन्च किया जाएगा।
कार्यक्रम की झलकियां:- दीप प्रज्वलन एवं स्वागत समारोह- प्रेरक सत्र: “उम्र कोई बंधन नहीं होती” – ज्योति रात्रे- कौशल आधारित प्रशिक्षण: उद्यमिता योजना, टीम बिल्डिंग- तकनीकी सत्र: सोशल मीडिया विपणन – रश्मि गोल्या- अनुभव साझा: शिक्षा और उद्यमिता – राजेश विश्नोई- समापन सत्र एवं आगामी योजनाओं की रूपरेखा – डॉ. रामकृष्ण सामेरिया
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